Thursday, July 11, 2013

आज मन उदास है

आज मन उदास है
उम्मीदें भी ख़फ़ा हैं
नाराज़ सारी आस है

तमन्नाओं के परों पर,
उड़ता है दिल
मगर सच्चाई थोड़ी हताश है,
आज मन उदास हैI

बचपन के किस्से - कहानियों ने
जो तस्वीर बनायीं थीं
इस जहान की,
उन तस्वीरों के
टूटने का आभास है
आज मन उदास हैI

बेचे जाते हैं राजनेता आज
- कोक और साबुनों की तरह,
गाँधी भगत के शहादत का यह उपहास हैI
होते हैं वर्गीकृत पीड़ित यहाँ
- हिन्दू, मुसलमाँ, गुजराती, बिहारी वगैरा
लाशों की भी यहाँ ज़ात है,
क्या यही भारतीय इतिहास है?
आज मन उदास हैI

नहीं कोई पास है
हूँ अकेला
फिर भी यह प्रयास है
कोई कहीं तो हो
जो मुझे सुने
और समझा करे

अगर न हो वो
फिर यह कविता
मेरी आत्मा की भड़ास है

आज मन उदास हैI