एहतियात
ऐ ठंडी हवा
ये तो बता,
तु आयी कहाँ से
बर्फ़ गिरी है वहां,
तु आयी जहाँ से?
बारिश का इमकान तू लायी है ?
मिट्टी की खुशबू तुझमें समायी है।
जिस्म से मेरे तु लिपटेगी ?
आग इसकी सिमटेगी ?
पेड़ों से पत्ते भी चुराएगी तु ?
उन्हीं की ज़ुबाँ से फिर गाएगी तु ?
चिड़ियों के घोंसले वहीँ गिर जाएँगें।
बेघर चहचहाते वहीँ फिर जाएँगें।
टूटे ख़्वाबों को, ख़्वाबों में ही बनाएँगे।
ऐ ठंडी हवा
संभल के,
चलना ज़रा
तुझे न मालूम, कि तेरे मचलने से
तबाह होतें हैं कुछ मज़लूम
संभाल के रखना तु अपने कदम,
तेरे चलने से है राहत,
तेरे मचलने में है सितम।
[इमकान = Possibility]
ऐ ठंडी हवा
ये तो बता,
तु आयी कहाँ से
बर्फ़ गिरी है वहां,
तु आयी जहाँ से?
बारिश का इमकान तू लायी है ?
मिट्टी की खुशबू तुझमें समायी है।
जिस्म से मेरे तु लिपटेगी ?
आग इसकी सिमटेगी ?
पेड़ों से पत्ते भी चुराएगी तु ?
उन्हीं की ज़ुबाँ से फिर गाएगी तु ?
चिड़ियों के घोंसले वहीँ गिर जाएँगें।
बेघर चहचहाते वहीँ फिर जाएँगें।
टूटे ख़्वाबों को, ख़्वाबों में ही बनाएँगे।
ऐ ठंडी हवा
संभल के,
चलना ज़रा
तुझे न मालूम, कि तेरे मचलने से
तबाह होतें हैं कुछ मज़लूम
संभाल के रखना तु अपने कदम,
तेरे चलने से है राहत,
तेरे मचलने में है सितम।
[इमकान = Possibility]
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