हिलती हुयी पेड़ों की डालियाँ
हौले-हौले नाचता विंडमिल
हवाओँ की बातचीत
कहीं तुकबंदी
कहीं पर छंद-मुक्त, बेचैन।
सब जुड़ीं हैं ऐसे
ना आदि है, ना अंत
बस एक परछाईं है
घटती-बढ़ती सी
जैसे समय के वक्ष पे
लेटी पुरानी यादें
जिन्हे सहलाने आता
दूर से कोई दोस्त
इतनी दूर से जहाँ
उसके जिस्म और साये
एक से नज़र आते
मेरी कलम उस दोस्त जैसी
टहलती काग़ज़ के पन्नो पे
अपनी परछाईं को थामें
समय की खोज में
कालचक्र में क़ैद वो......
हौले-हौले नाचता विंडमिल
हवाओँ की बातचीत
कहीं तुकबंदी
कहीं पर छंद-मुक्त, बेचैन।
सब जुड़ीं हैं ऐसे
ना आदि है, ना अंत
बस एक परछाईं है
घटती-बढ़ती सी
जैसे समय के वक्ष पे
लेटी पुरानी यादें
जिन्हे सहलाने आता
दूर से कोई दोस्त
इतनी दूर से जहाँ
उसके जिस्म और साये
एक से नज़र आते
मेरी कलम उस दोस्त जैसी
टहलती काग़ज़ के पन्नो पे
अपनी परछाईं को थामें
समय की खोज में
कालचक्र में क़ैद वो......
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