कहीं और अब बसर करें
कहीं और अब गुज़र करें
ज़मीं पे बिखरी सड़कों से हम
कुछ ऐसी राहें मयस्सर करें
जिनपें हम चलते - चलते
रात को सहर करें
बग़ैर मंज़िल की राहों को हम
शाद महज़ चलकर करें
आवारगी ज़ाया न हो
हम उम्र भर सफ़र करें
हम उम्र भर सफ़र करें।।
[ग़ुज़र: to depart; मयस्सर: possible; सेहर: dawn]
कहीं और अब गुज़र करें
ज़मीं पे बिखरी सड़कों से हम
कुछ ऐसी राहें मयस्सर करें
जिनपें हम चलते - चलते
रात को सहर करें
बग़ैर मंज़िल की राहों को हम
शाद महज़ चलकर करें
आवारगी ज़ाया न हो
हम उम्र भर सफ़र करें
हम उम्र भर सफ़र करें।।
[ग़ुज़र: to depart; मयस्सर: possible; सेहर: dawn]
Awesome bro 👌
ReplyDeleteThank you brother. I am really glad you liked it :)
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