Tuesday, February 26, 2019

बारिश

कहीं किसी का दिल तड़पा है
जो बादल खिड़की पे आ गरजा है

छुपके आँसू बहाता है कोई
आसमाँ जो इस कदर बरसा है

कोई तन्हा ज़रूर है कहीं
जो बारिश में परिंदा उसे ढूंढता उड़ता है

विरह की आग में जलता है कोई शायद
बारिश का पानी इसलिए कितना ठंडा है

जिनसे कोई बात करने वाला नहीं है
सुनो! उनसे बारिश का पानी क्या कहता है

                                                  - ताबिश नवाज़ 

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